एफएनएन, रुद्रपुर : कांग्रेस की प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडे के सामने आज पार्टी में अनुशासन का मुद्दा जोर-शोर से उठा। बात पूर्व विधायक नारायण पाल की हो या फिर अन्य नेताओं की, सभी ने इसे उठाया, साथ ही यह भी कहा कि 30-35 फ्रंटल संगठन होने के बावजूद उधम सिंह नगर में एक भी गठित नहीं है। न किसान मोर्चे का पता, न अल्पसंख्यक संगठन का, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस मिशन 2022 की नैया कैसे पार कर पाएगी? भाजपा की बात करें तो इस पार्टी में चुनाव की पूरी तैयारी दिखाई देती है, जबकि कांग्रेस आपसी गुटबाजी में हुई हुई है। आज कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा के आवास पर प्रदेश सह प्रभारी दीपिका पांडेय की बैठक से महानगर कांग्रेस का पूरी तरह से किनारा रहा।
महानगर कांग्रेस का कोई भी पदाधिकारी इस बैठक में नजर नहीं आया। वहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश तिलकराज बेहड़ ने भी इस बैठक से दूरी बनाकर रखी। इसको लेकर खाकर चर्चाएं भी रहीं। पूर्व विधायक नारायण पाल ने मुद्दा उठाया कि अगर परिवर्तन यात्रा को लेकर उनसे भी सुझाव लिए जाते तो वह शक्तिफार्म में भी एक मीटिंग करना चाहते थे, लेकिन शक्ति फार्म में मीटिंग नहीं रखी गई जबकि यहां बड़ी संख्या में वोटर है। हालांकि उनकी बात पर प्रदेश सह प्रभारी ने कहा कि अभी भी कार्यक्रम में परिवर्तन कर बैठक रखी जा सकती है। वहीं नवतेज पाल ने भी प्रदेश सह प्रभारी के सामने अपनी बात रखी। कुछ और नेता भी अनुशासन को लेकर बोलते नजर आए। ऐसे में प्रदेश प्रभारी को रोकना पड़ा कि परिवर्तन यात्रा को लेकर ही बात करें। इस मौके पर कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी, विधायक प्रेमानंद महाजन, पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, शिल्पी अरोरा, रीना कपूर, हरीश पनेरु, संजीव सिंह, पुष्कर राज जैन, सीपी शर्मा आदि मौजूद थे। आप खुद ही सुन लीजिए कि किस तरीके से वक्ताओं ने फ्रंटल संगठन गठित ना होने की बात रखी।