हाइलाइट्स:
- उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया
- पीजी कर चुके डॉक्टरों को न्यूनतम 10 साल तक सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी ही होंगी
- अगर कोई डाक्टर बीच में नौकरी छोड़ेगा तो उसे भरना होगा करोड़ रुपये जुर्माना
एफएनएन, लखनऊः उत्तर प्रदेश की महंत योगी आदित्यनाथ सरकार ने डॉक्टरों को लेकर बहुत बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अब पीजी कर चुके डॉक्टरों को कम से कम 10 साल तक सरकारी अस्पताल में अनिवार्य रूप से सेवाएं देनी ही होंगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने सरकार के फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अगर कोई डाक्टर बीच में नौकरी छोड़ेगा तो उसे एक करोड़ रुपये के जुर्माना यूपी सरकार के कोष में जमा कराना पड़ेगा।
पीजी कोर्स बीच में छोड़ा तो तीन साल के लिए होंगे डिबार
साफ किया कि अगर कोई डॉक्टर पीजी कोर्स बीच में ही छोड़ देगा तो उसे अगले तीन साल के लिए कोर्स से डिबार कर दिया जाएगा। इन तीन साल की अवधि में ऐसे डाक्टर दोबारा उक्त कोर्स में दाखिला नहीं ले सकेंगे।
सीनियर रेजिडेंसी में रुकने पर भी रोक
योगी सरकार के फैसले में यह भी कहा गया है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद चिकित्साधिकारी को तुरंत नौकरी ज्वाइन करनी होगी। इसके अलावा पीजी करने के बाद सरकारी डॉक्टरों के सीनियर रेजिडेंसी में रुकने पर भी रोक लगा दी गई है। नए नियम में कहा गया है कि विभाग की ओर से इस संबंध में ऐसे डाक्टरों को कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं किया जाएगा।