Friday, April 26, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
spot_img
Homeराज्यउत्तराखंडअंतरराज्यीय परिवहन पर उत्तर प्रदेश की मंजूरी, अंगले दो-तीन दिन में शुरू...

अंतरराज्यीय परिवहन पर उत्तर प्रदेश की मंजूरी, अंगले दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा बसों का संचालन

एफएनएन, देहरादून : उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के लिए अंतरराज्यीय बस संचालन अगले दो से तीन दिन में शुरू हो जाएगा। कोरोना के मामले बढ़ने पर उत्तर प्रदेश ने अंतरराज्यीय बस संचालन पर अप्रैल में रोक लगाई थी। इसके कारण उत्तराखंड का उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत बाकी राज्यों से बस संचालन बंद हो गया। बस संचालन दोबारा से शुरू करने के लिए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने गुरुवार शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दूरभाष पर वार्ता की, जिस पर मंजूरी हो गई है। परिवहन मंत्री ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में उत्तर प्रदेश सरकार आदेश जारी कर देगी।

कोरोना के कारण पिछले करीब सवा से रोडवेज बसों का संचालन बार-बार रुकने से परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। वर्तमान में निगम करीब 520 करोड़ रुपये के घाटे में है और निगम पर चार माह का वेतन भी लंबित है। अभी दो दिन पहले ही राज्य सरकार से मिले 20 करोड़ रुपये की मदद पर निगम ने जनवरी का वेतन जारी किया है। पिछले सवा साल से रोडवेज राज्य सरकार से मिली मदद के आधार पर वेतन दे रहा है।

दरअसल, गत वर्ष मार्च में लाकडाउन व उसके बाद बस संचालन न होने से रोडवेज का घाटा बढ़ता चला गया। गत वर्ष अक्टूबर-नवंबर में बस संचालन ने कुछ गति पकड़ी थी, मगर इस वर्ष अप्रैल में बढ़े कोरोना संक्रमण ने इसकी गति फिर रोक दी। वर्तमान में अंतरराज्यीय बस संचालन पूरी तरह बंद है और सूबे के अंदरूनी मार्गों पर रोजाना महज 150 बसों का संचालन हो रहा है। इनमें भी यात्रियों की संख्या 50 फीसद से कम है। निगम को डीजल का खर्च भी नहीं मिल रहा।

रोडवेज की आर्थिक स्थिति को सुधारने को लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने गुरूवार शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। परिवहन मंत्री ने उन्हें बताया कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसें उत्तराखंड की सीमा तक आ रहीं, मगर उत्तराखंड की बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। चूंकि, उत्तराखंड रोडवेज की ज्यादातर बसें उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर गुजरती हैं, इस वजह से दिल्ली, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के लिए भी बस संचालन नहीं हो पा रहा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश द्वारा रोडवेज की परिसंपत्तियों के बंटवारे पर भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में तत्काल योगी आदित्यनाथ से दूरभाष पर वार्ता की। जिसमें बस संचालन अगले दो-तीन दिन में शुरू करने पर मंजूरी मिल गई। परिवहन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने परिसंपत्तियों के बंटवारे पर भी शीघ्र उचित हल निकालने का भरोसा दिया। इस दौरान सचिव परिवहन रणजीत सिन्हा और रोडवेज के प्रबंध निदेशक अभिषेक रुहेला समेत महाप्रबंधक दीपक जैन आदि मौजूद रहे।

हिमाचल-चंडीगढ़ के अधिकारियों से भी होगी बात

उत्तराखंड से अंतरराज्यीय बस संचालन को उत्तर प्रदेश की मंजूरी के बाद हिमाचल व चंडीगढ़ के लिए बस संचालन को लेकर वहां के परिवहन अधिकारियों से शीघ्र बात की जाएगी। हिमाचल ने पूर्व में 14 जून से बस संचालन शुरू करने की बात कही थी, लेकिन बाद में बात नहीं बनी। हिमाचल के फेर में चंडीगढ़ के लिए बस संचालन फंसा हुआ है।

एक माह का वेतन और देगी सरकार

कोरोना काल में वेतन से जूझ रहे रोडवेज कर्मचारियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। परिवहन मंत्री की मांग पर मुख्यमंत्री ने रोडवेज को एक माह का वेतन और देने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही परिवहन मंत्री ने वेतन और रोडवेज के सेवानिवृत्त कर्मियों के लंबित भुगतान के लिए सरकार से 150 करोड़ रुपये की मदद की मांग भी की। मुख्यमंत्री ने इस मामले में वित्त विभाग से बात के बाद समाधान करने की बात कही।

बर्खास्त होंगे भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मी

रोडवेज में बेटिकट के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने ऐसे कर्मियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने प्रबंध निदेशक को भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश दिए। साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को भी कहा है।

डिपो शिफ्ट करने को दिए दो करोड़

मुख्यमंत्री ने रोडवेज का एक डिपो हरिद्वार रोड कार्यशाला से ट्रांसपोर्टनगर में बनाई जा रही कार्यशाला की भूमि पर शिफ्ट करने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए दो करोड़ रुपये भी मंजूर किए हैं। परिवहन मंत्री ने बताया कि कार्यशाला से आइएसबीटी तक बसों के आने-जाने में ही हर महीने 15 लाख रुपये खर्च होते हैं। ट्रांसपोर्टनगर आइएसबीटी के पास है, इसलिए वहां डिपो बनने से ये खर्च बचेगा। दो करोड़ रुपये से टीन-शेड आदि का निर्माण कराया जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रोडवेज के खर्च में कटौती का प्रस्ताव बनाया जाए, ताकि इसे घाटे से उबारा जा सके।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

CommentLuv badge

Most Popular

Recent Comments